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मनीष गुप्ता के परिवार से मिलें अखिलेश, करेंगे 20 लाख की आर्थिक मदद

भाजपा सरकार में पुलिस लोगों की जान ले रही: यादव

कानपुर, सोशल टाइम्स। गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मृतक व्यापारी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता तथा उनके परिजनों से मिलकर उनका दर्द बांटा। उन्होंने गुप्ता की गोरखपुर में पुलिस की बर्बर पिटाई से मौत को दुःखद बताते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की ओर से मृतक की पत्नी को 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को 2 करोड़ रूपये की मदद तथा मृतक की पत्नी को क्लास टू या क्लास थ्री की नौकरी देने के लिए कहा। उन्होंने कार्यवाही में भी सहयोग करने का आश्वासन दिया। व्यापारी की मौत हाईकोर्ट के सिटिंग जज की मानीटरिंग में सीबीआई से कराने तथा दोषी पुलिस कर्मियों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा पीड़ित परिवार को सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है।

परिवार से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा भाजपा सरकार में पुलिस सुरक्षा नहीं कर रही है, वह लोगों की जान ले रही है। उत्तर प्रदेश में पुलिस का ऐसा व्यवहार किसी की सरकार में देखने को नहीं मिला। भाजपा राज में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही है। भाजपा सरकार में पुलिस लगातार हत्या और लूट में शामिल है। इस सरकार की नीयत ही साफ नहीं है। पुलिस हिरासत में मौतें हो रही हैं। मानवाधिकार आयोग ने सबसे ज्यादा नोटिस दी हैं। यादव ने कहा कि भाजपा जब पुलिस और डीएम से गलत काम कराएंगे तो अंजाम यही होगा। पुलिस और अधिकारियों पर इसलिए कार्यवाही नहीं हो रही है क्योंकि सरकार ने इन्हीं से गलत काम कराए हैं। जिन्होंने यह घटना की है ये मामूली लोग नहीं है। जानकारी मिली है कि उन्नाव में और गोरखपुर में इसी तरह की घटनाएं हुई हैं। न्याय मिलना तब तक मुश्किल है जब तक न्यायिक जांच न हो। भाजपा राज में न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सच को मारने का काम भाजपा सरकार करती है। व्यापारी हत्याकांड में शामिल अधिकारी ऐसा है जिसने अमरोहा में बूथ लुटवाए थे। गोरखपुर में निष्पक्ष जांच सम्भव नही। इसलिए जांच कानपुर में होनी चाहिए। यादव ने कहा कि मनीष गुप्ता के साथ जो घटना घटी उसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता है। यह घटना दुःखद और अकल्पनीय है। भाजपा सरकार में पुलिस का स्तर संवेदना के शून्य स्तर से भी नीचे जा चुका है। मृतक मनीष गुप्ता की हत्या के बाद पुलिस को उनके बच्चे पर भी दया नहीं आई। रास्ते भर बच्चा भूख से तड़पता रहा लेकिन पुलिसवालों ने गाड़ी नहीं रोकी। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है। भाजपा सरकार ने तो अत्याचार की सारी हदें पार कर दी हैं।

बता दें की 3 दिन पूर्व कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या का आरोप इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर लगा है। जानकारी के मुताबिक, 27 और 28 सितंबर की रात रामगढ़ताल थाने की पुलिस जांच करने पहुंची थी। इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा. दोनों ने मनीषा गुप्ता के कमरे का दरवाजा खुलवाया। आईडी दिखाने को लेकर मनीष की पुलिसवालों से बहस हुई। आरोप है कि पुलिसवालों ने पीड़ित मनीष को इतना मारा कि वो ख़ून से तरबतर हो गए. पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए, जहां उनकी मौत हो गई।

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