संवाददाता
देवभूमि सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति ने किया कविता पाठ का आयोजन

लखनऊ। देवभूमि सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति, कल्याणपुर के मुख्यालय में रविवार को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कविता पाठ का आयोजन किया गया। जिसका संचालन कवि एवं लेखक पूरन सिंह जीना द्वारा किया गया। सर्व प्रथम संयोजक भरत सिंह बिष्ट एवं अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट ने दीप प्रज्वलित कर आजादी के अमृत महोत्सव पर कविता पाठ का सुभारंम्भ किया।
इस अवसर पर खुशहाल सिंह बिष्ट ने सभी को 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर बधाई दी उन्होने कहा कि देखो आज गगन भी सम्मान से मुस्करा रहा है, क्योकि खुले आकाश में तिरंगा लहरा रहा है। संयोजक भरत सिंह बिष्ट ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का यह राष्ट्रीय पर्व मानवता, प्रखरता, संवेदना, साहस और संकल्प जैसे भावों को प्रतिष्ठित करने वाला पर्व है। भारत के उन अजर अमर सपूतों के प्रति श्रद्धा, आदर और सम्मान की अभिव्यक्ति का पर्व है, जिनके त्याग,बलिदान और शहादत के कारण आज हम लोग स्वतंत्रता के वातारण में अपने अपने घरों में सुरक्षित सो पाते है। भरत सिंह बिष्ट ने कहा कि पूजा होगी अलग सभी की प्रथम देवता देश को मानों, देश बडा है सब धर्मो से इस सच्चाई को पहचानो। कवि एवं लेखक पूरन सिंह जीना ने अपनी रचना में कहा कि ‘‘तिरंगा शान हमारी, ये है पहचान हमारी, इसे हर घर में लगायें,शहर शहर फहराये, तिरगें पर मिट जायें, इसे सीने पै सजायें, हम अपनी जान को देकर, दुशमन से इसे बचायें, इसी के गीत हम गाये.., श्री जगत सिंह राणा ने अपनी रचना प्रारम्भ की आज तिरंगा फहराता है अपनी पूरी शान से हमे मिली आजादी, वीर शहीदों के बलिदान से और उन्होने उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध लोक गायक स्व. हीरा सिंह राणा की रचना को सुनाया - अब हम हैगू आजादा, आजादी मिलीगें, घर घर में हैरे बाता आजादी मिलेगी। कवि एवं साहित्यकार श्री कैलाश सिंह ने अपनी कविता में कहा कि मेरा भारत कैसा हो- हरी भरी हो डाली डाली, बागों में बहार हो, नांचे झूमें भारतवासी भरे हुए खलिहान हो। भूखा न कोई मरने पाये,रोगों का निदान हो, सर्वधर्म समभाव के संग संग, चितन और विज्ञान हो। श्री पान सिंह ने अपनी कविता में यह हर्ष भूमि यह कर्म भूमि,यह स्वर्ग रूप यश भूमि सुनाया। इस कविता पाठ में श्री आंनन्द सिंह नेगी, बृज मोहन सिंह नेगी, बहादुर सिंह रावत, महा सिंह रावत, चतुर सिंह, मदन सिंह बिष्ट, विजय सिंह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।