ब्यूरो
कोविड ड्यूटी से जुड़े सभी कर्मचारी 50 लाख एकमुश्त योजना के दायरे में आएंगे

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने ये साफ किया कि कोविड ड्यूटी से जुड़े सभी कर्मचारी 50 लाख रुपये की एकमुश्त सहायता योजना के दायरे में आएंगे। अब क्वारंटीन सेंटर की स्थापना व रखरखाव, प्रवासी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन जैसे विभिन्न तरह के प्रत्यक्ष और परोक्ष कार्य से जुड़े सभी कर्मी इसके दायरे में आ गए हैं। बताया गया कि यह व्यवस्था पिछले वर्ष कोविड महामारी की शुरुआत से लागू मानी जाएगी।
राजस्व विभाग का कोविड-19 के रोकथाम, उपचार व उससे बचाव के लिए कार्यरत कार्मिकों की संक्रमण से मृत्यु पर उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये की एकमुश्त सहायता संबंधी शासनादेश था, लेकिन इसमें कोविड ड्यूटी को लेकर स्पष्टता का अभाव था। इसके चलतेड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर जान गंवाने वाले कई कार्मिकों के परिजन यह सहायता प्राप्त नहीं कर पा रहे थे।
अब ग्राम्य विकास आयुक्त के. रवींद्र नायक ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि कौन-कौन से प्रमुख काम कोविड ड्यूटी में माने जाएंगे। आयुक्त ने इस पत्र की प्रति अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार को भी भेजी है।
नायक ने कहा कि मुख्य विकास अधिकारी का उतरदायित्व होगा कि जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अभिकरण, उपायुक्त श्रम/स्वत: रोजगार व मंडल मुख्यालय पर स्थित संयुक्त विकास आयुक्त से संबंधित कार्मिक के कोविड-19 की रोकथाम, उपचार व उससे बचाव के कार्य में नियुक्त होने संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त करें।
जारी आदेश के अनुसार लाभ प्राप्त करने वाले लोगो में विभाग के वो सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी, संविदा कर्मियों, दैनिक वेतनभोगियों , आउटसोर्स, स्थायी, अस्थायी तथा स्वायत्तसाशी संस्था के कार्मिकों के आश्रितों को मिल सकेगा, जो कोविड-19 के रोकथाम, उपचार व बचाव के लिए कार्यरत है शामिल हैं।
इसके अलावा क्वारंटीन सेंटर की स्थापना व रखरखाव, प्रवासी श्रमिकों के रहने, भोजन आदि की व्यवस्था व पंजीकरण और रोजगार उपलब्ध कराने, ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था, उसके पर्यवेक्षण आदि के दौरान किसी विभागीय कार्मिक की मृत्यु हो जाती है तो भी 50 लाख की सहायता का प्रस्ताव जिलाधिकारी को भेजा जाएगा।
कोविड ड्यूटी के दौरान संक्रमित व संक्रमण के कारण होम आइसोलेसन में इलाज के दौरान मृत्यु होने की दशा में भी कार्मिकों के परिजनों को इसका लाभ मिलेगा।