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“हर घर नल- हर घर जल योजना” ग्रामीण क्षेत्रों के लिये वरदान साबित होगी: मोदी

अधिकांश गॉंवों की डी.पी.आर. तैयार हो चुकी हैं: डॉ बहुगुणा

नई दिल्ली, सोशल टाइम्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की “हर घर नल- हर घर जल योजना” ग्रामीण क्षेत्रों के लिये वरदान साबित होगी। आकांक्षी जनपदों को इस महत्वपूर्ण योजना में वरीयता दिये जाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को “पोस्ट बजट वेबिनार- लीविंग नो सिटिजन बिहाइन्ड” के अवसर पर अपना संबोधन देते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलजुल कर इस जल जीवन मिशन के लिये कार्य कर रही हैं। आने वाले वर्षों में इस मिशन पर हम 3-5 लाख करोड़ रूपये से अधिक धनराशि व्यय करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले पॉंच वर्षों में हमें गत 70 वर्षों में किये गये काम की अपेक्षा चार गुना कार्य अधिक करना है। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की आत्मा मेहनतकश लोगों में बसती है। 130 करोड़ भरतीयों की कुछ कर गुजरने की इच्छा की भावना का सम्मान करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि हम उनके प्रयासों को बल दें। लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिये और उनके हितों की रक्षा के लिये वर्ष 2014 से हमारी सरकार अथक और निरन्तर कार्य कर रही है। हमने विशs’kकर उन लोगों के सपनों को साकार करने पर ध्यान दिया है जिन्होनें अपने और अपने परिवार के बेहतर जीवन का स्वप्न देखा था पर उसे पूरे करने के साधन उन्हे पहले कभी उपलब्ध नही कराये गये।

वहीं इस अवसर पर वेबिनार को सम्बोधित करते हुये भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना है। जिसका लक्ष्य सभी घरों तक कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन अपलब्ध कराना ही नही है बल्कि स्थानीय जल संसाधनों के सर्वांगीण प्रबन्धन को बढ़ावा देना भी है। इस जल आपूर्ति कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते समय जल श्रोतों का संरक्षण करके उन्हे जल के पुनः उपयोग की विधियों का प्रयोग करने जैसे उपायों की जरूरत पर ध्यान दिया गया है और इन्हे पहली बार योजना की रूपरेखा का अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है। शेखावत ने बताया कि इस वर्ष भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन योजना हेतु 60 हजार करोड़ के बजट का प्राविधान किया गया है।

इस दौरान हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर इन्वारन्मेंट इकोलोजी एण्ड डेवलपमेंट (हाईफीड) के निदेशक डा0 कमल बहुगुणा ने कहा कि इम्प्लिमेंटिंग सपोर्ट ऐजेंसी के रूप में हाईफीड द्वारा नियोजन चरण में उत्तराखण्ड के 184 गॉंवों में ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है तथा उक्त समितियों के साथ बैठकर गॉंवों का बेसलाईन सर्वे कर विysज एक्शन प्लान तैयार किये गये हैं। अधिकांश गॉंवों की डी0पी0आर0 तैयार हो चुकी हैं तथा योजना क्रियान्वयन का कार्य प्रारम्भ होकर पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य गतिमान है। डा. बहुगुणा ने कहा कि जैसा कि पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में सभी विज्ञ हैं कि किस प्रकार की विकट परिस्थितियों में पहाड़ की महिलाओं को कई कई किलोमीटर दूर से पानी सिर पर ढोकर लाना होता है] जैसा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पानी के श्रोत धीरे धीरे सूख रहे हैं अतः जल श्रोतों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है जिससे कि पेयजल की योजनायें लम्बे समय तक सस्टेन कर सकें। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत गठित ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों तथा समस्त ग्रामवासियों व विशेषकर महिलाओं द्वारा इस कार्यक्रम के अन्तर्गत निर्मित की जाने वाली पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में बढ़ चढ़ कर सहभागिता की जा रही है तथा योजना निर्माण में 5 प्रतिशत नकद योगदान भी दिया जा रहा है। कई गॉंवों में यह योजना मूर्तरूप ले चुकी है तथा शेष गॉंवों में क्रियान्वयन चरण गतिमान है। ग्रामीणों के अनुसार हर घर नल - हर घर जल का यह कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री जी तथा माननीय जल शक्ति मंत्री जी व उनकी टीम के नेतृत्व व दिशानिर्देशन में भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना है जो कि सीधे सीधे मानव जीवन की परम आवश्यकता को पूर्ण कर रही है।




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