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आईपीएस प्रताप गोपेन्द्र की किताब को मिला प्रतिष्ठित आचार्य नरेंद्र देव पुरस्कार

'इतिहास के आइने में आज़मगढ़’ के लिए किया गया पुरस्कृत

लखनऊ, सोशल टाइम्स। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने वर्ष 2020 में प्रकाशित किताबों के पुरस्कारों पर निर्णय लेने के लिए डॉ सदानंद प्रसाद गुप्ता की अध्यक्षता में गठित पुरस्कार समिति ने पुरस्कारों की घोषणा की। आईपीएस प्रताप गोपेन्द्र यादव द्वारा लिखी गई इतिहास के आईने में आजमगढ़ किताब को आचार्य नरेंद्र देव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही उन्हें 75000 की धनराशि भी बतौर पुरस्कार दी जाएगी। काशी के पास स्थित जनपद आज़मगढ़-मऊ का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। इस पुस्तक में पुरातत्व, मुद्राशास्त्र, भाषाविज्ञान, अभिलेखो, स्थानीय एवं देसी-विदेशी स्रोतों से प्राप्त पुस्तकों, लेखों तथा मौलिक कथाओं के आधार पर सभ्यता के उदय से आज़ादी तक के आज़मगढ़-मऊ जनपद का इतिहास सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है। संस्कृत, पालि, फ़ारसी, उर्दू, हिंदी और इंग्लिश में उपलब्ध अनेक दुर्लभ एवं नवीन स्रोतों का गहन अध्ययन और मनन कर इस पुस्तक का सृजन किया गया है। पुस्तक में आज़मगढ़ के राजनीतिक इतिहास के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक विकासक्रम को भी रेखांकित किया गया है। ऐतिहासिकता से बिना छेड़छाड़ किए मिथकों एवं किवदन्तियाँ को भी स्थान दिया गया है। जनपद से प्राप्त विलुप्तप्राय पुरातात्विक अवशेषों के १८० के लगभग छाया चित्र भी सुलभ संदर्भ के लिए प्रकाशित किए गए है। पुस्तक शोध छात्रों के साथ आम पाठकों के लिए भी अत्यंत ज्ञानवर्धक, रोचक एवं पठनीय है। इतिहास को साहित्यिक कलेवर में संकलित किया गया है। स्थानीय इतिहास लेखन के क्रम में यह एक नवीन और सार्थक प्रयास है। इतिहास प्रेमीयों के लिए ‘इतिहास के आइने में आज़मगढ़’ संग्रहणीय पुस्तक है।

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