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जातीय जनगणना कराए जाने को लेकर प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

लखनऊ बार के महामंत्री जीतू यादव भी रहें मौजूद

लखनऊ, सोशल टाइम्स। सामाजिक चेतना फाउण्डेशन न्यास के संस्थापक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह यादव के निर्देश पर शनिवार को प्रदेश के सभी मंडल, जनपद व तहसील मुख्यालयों पर मंडलायुक्त/ जिलाधिकारी/उपजिलाधिकारी के माध्यम से 2021 की जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल किए जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। फाउण्डेशन ने बताया कि 7 अगस्त के दिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बी०पी० मंडल की रिपोर्ट (मंडल कमीशन) के आधार पर पूर्व प्रधानमंत्री वी0पी0सिंह ने रिपोर्ट की कुछ संस्तुतियां लागू की थीं। देश में पिछड़ों के लिए 1931 की जाति आधारित जनगणना जो कि ब्रिटिश हुकूमत के द्वारा करवाई गई थी के आधार पर योजनाएं बनाई जाती हैं जबकि तब से लेकर आज तक पिछड़े वर्ग की आबादी काफी बढ़ गई है ऐसे में उनकी हकमारी को रोकने के लिए जाति आधारित जनगणना कराया जाना नितांत आवश्यक है परंतु सरकारें पिछड़ों का हक न देना पड़े इसी सोच के साथ जाति आधारित जनगणना को हमेशा टालती हैं। 2021 की जनगणना में सभी जातियों की गणना की जाए इसके लिए सामाजिक चेतना फाउण्डेशन न्यास के तत्वावधान में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन पूरे प्रदेश में देने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। लखनऊ में मंडलायुक्त कार्यालय में अपर मंडलायुक्त रणविजय सिंह को ज्ञापन सौंपा गया।इस अवसर पर लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जितेंद्र सिंह यादव जीतू व अन्य लोग मौजूद रहे। फैजाबाद, अलीगढ़, आगरा, इलाहाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली, बस्ती, वाराणसी, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर समेत सभी जिलो के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन दिया। साथ ही दिल्ली में भी ज्ञापन सौंपा गया।

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