ब्यूरो
निति आयोग की रिपोर्ट जारी, उत्तर प्रदेश बॉटम 5 में

लखनऊ। नीति आयोग ने एसडीजी इंडिया इंडेक्स जारी किया है। आयोग की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को 60 अंक मिले है जिससे वह बॉटम 5 की श्रेणी में आया है। जहाँ एक तरफ सरकारी विज्ञापनों से कई तरह के विकास के दावें किये जाते है वहीं इस रिपोर्ट से उन दावों की पोल खुलती नज़र आ रही है।
ये रहें सबसे ख़राब
5 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़, नगालैंड और ओडिशा हैं। इन तीनों राज्यों को 61 अंक मिला है। उसके बाद के पायदान पर अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं। इन्हें 60 अंक मिला है। फिसड्डी राज्यों में असम, झारखंड और बिहार जैसे राज्य हैं। बिहार 52 अंकों के साथ विकास की रफ्तार में सबसे पीछे है। उसके बाद ही झारखंड, असम, यूपी, राजस्थान, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, नगालैंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य आते हैं।
इनको मिला शीर्ष स्थान
एसडीजी इंडिया इंडेक्स में ऊपर के पांच और नीचे के पांच राज्यों के बारे में जानकारी दी गई है। ऊपर के पांच राज्यों में पहला स्थान केरला का है। केरला को 75 अंक मिले हैं। दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु हैं जिन्हें 74 अंक दिया गया है। तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और उत्तराखंड हैं जिन्हें 72 अंक मिले हैं। चौथे स्थान पर सिक्किम है जिसे 71 अंक मिले हैं। 70 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर महाराष्ट्र है।

इन राज्यों ने ये काम किये अच्छे
गरीबी कम करने के लिहाज से देखें तो तमिलनाडु और दिल्ली ने सबसे बेहतर काम किया है। भूख की समस्या कम करने में केरला और चंडीगढ़ ने अच्छा काम किया है। अच्छे स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुजरात और दिल्ली का नाम है, तो क्वालिटी एजुकेशन में केरला और चंडीगढ़ आते हैं। लिंग समानता में छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार और साफ पानी और सफाई में गोवा एवं लक्षद्वीप ने बेहतर काम किया है। आर्थिक वृद्धि में हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ का नाम है। इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में गुजरात और दिल्ली, असमानता कम करने में मेघालय औ चंडीगढ़, मत्स्य पालन जैसे काम में ओडिशा का नाम अहम हुआ है। अरुणाचल प्रदेश में रहन-सहन की सुविधा बढ़ी है। न्याय और मजबूत संस्था के क्षेत्र में उत्तराखंड और पुडुचेरी ने अच्छा काम किया है। लेकिन इन नामो में उत्तर प्रदेश कहीं नज़र नहीं आता।
बता दें कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स राज्यों के विकास के बारे में बताता है। इससे पता चलता है कि विकास के पायदान पर कौन राज्य पिछले साल के मुकाबले कहां पहुंचा है। इसमें यह भी पता चलता है कि पिछले एक साल में राज्यों ने अलग-अलग क्षेत्रों में कितनी प्रगति की है।